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मंत्रिमंडल पर सियासत : पूर्व CM बघेल ने कहा- दूसरे दलों से आए नेताओं को भाजपा में मिलती है बड़ी कुर्सी, उनके अपने कार्यकर्ता दरी उठाने और झंडा लगाने तक सीमित, MLA सोनी बोले- अच्छे काम का मिला अवार्ड

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी में अधिकांश कार्यकर्ता केवल “दरी उठाने और झंडा लगाने” तक ही सीमित हैं, जबकि दूसरे दलों से आए नेताओं को वहां बड़ी कुर्सी मिलती है।

वहीं उन्होंने कैबिनेट में 14 मंत्रियों को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े करते हुए कहा कि रमन सरकार में क्यों 13 मंत्री बनाए गए थे। इसके अलावा डिप्टी सीएम अरुण साव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि यह बात उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा बोलते तो समझ में आता, वह कानून के जानकार नहीं है। अरुण साव कहते हैं जो हाईकोर्ट में वकील भी रहे हैं, विधि विधायी मंत्री रहे हैं। उनका 14 मंत्रीमंडल को सही बताना, हरियाणा का उदाहरण देना, घोर आपत्तिजनक है।

उन्होंने कहा कि अरुण साव को बताना चाहिए लोकसभा, विधानसभा, सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में ये कब पारित हुआ। हरियाणा के मामले में स्टे नहीं मिला है, इसलिए वहां 14 मंत्री चल रहे हैं। यहां पूरा मंत्रिमंडल असंवैधानिक है। यदि असंवैधानिक कृत्य हुआ है, तो कोई भी निर्णय लेंगे वो संवैधानिक नहीं होगा। प्रदेश में संविधान की समस्या खड़ी हो गई है। संविधान के विपरीत जाकर मंत्रिमंडल का गठन होता है तो फिर वह जो फैसला लेंगे वह सही होगा या गलत।

 

आगे बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया। अमर अग्रवाल, पुन्नू लाल मोहले, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत समेत कई पूर्व मंत्री और विधायकों की उपेक्षा हुई है।

 

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