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ECI Press Conference: ‘वोट चोरी’ जैसे झूठे आरोपों से हम डरते नहीं… मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त का व‍िपक्ष को करारा जवाब, बोले- “बिहार के 7 करोड़ से अधिक मतदाता हमारे साथ

Election Commission News: बिहार एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर सड़क से संसद तक घमासान है. राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाकर सियासी बम फोड़ा है. अब इन सबका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग खुद सामने आया है. जी हां, राहुल गांधी की ओर से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच चुनाव आयोग (निर्वाचन आयोग (ECI) आज यानी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस यानी संवाददाता सम्मेलन कर रहा है. मुख्‍य चुनाव आयोग ने साफ-साफ शब्‍दों में कहा क‍ि वोट चोरी का आरोप झूठा है. चुनाव आयोग पर कंलक लगाया जा रहा है.

भ्रम फैलाने की कोश‍िश हो रही

चुनाव आयुक्‍त ने कहा क‍ि पिछले दो दशक से सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में सुधार की मांग करते रहे हैं. इसी मांग को पूरा करने के लिए बिहार से SIR की शुरुआत की गई है. SIR की प्रक्रिया में सभी मतदाता, BLO और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित BLAs ने एक प्रारूप सूची तैयार की है. ड्राफ्ट सूची को सभी राजनीतिक दलों के BLas ने सत्यापित किया है. वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा क‍ि हमारे ल‍िए न तो कोई पक्ष है, न तो कोई विपक्ष है, सब समकक्ष हैं. हर राजनीत‍िक दल का जन्‍म चुनाव आयोग से हुआ है, तो हम उनसे भेदभाव कैसे कर सकते हैं. वोट चोरी का आरोप संव‍िधान का अपमान है. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा, चुनाव आयोग मतदाताओं के नाम संदेश देना चाहता है क‍ि भारत के संविधान के मुताबिक भारत का कोई भी नागरिक जो 18 साल पूरा कर चुका है उसे मतदाता बनना चाहिए और मतदान करना चाहिए.

 

चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल बराबर

चुनाव आयोग के लिए न तो कोई पक्ष है और न विपक्ष.. सभी दल समकक्ष है

चुनाव आयोग अपने दायित्व से पीछे नहीं हटेगा

किसी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर चुनाव आयोग की ओर से औपचारिक तौर पर संवाददाता सम्मेलन बुलाना अपने आप में एक असामान्य बात है. बिहार एसआईआर और वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग अब तक बयान जारी कर जवाब देता था. यह पहली बार है जब वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस का विषय अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि यह निर्वाचन आयोग पर लगे आरोपों से संबंधित है.

दरअसल, कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बार-बार निर्वाचन आयोग पर मतदाता से जुड़े डेटा में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में ‘वोट चोरी’ हुई है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता से उन लोगों के नाम प्रस्तुत करने को कहा है, जिनके बारे में उनका दावा है कि उन्हें मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़ा गया या हटाया गया है. साथ ही एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र भी प्रस्तुत करने को कहा है. निर्वाचन आयोग ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अपने आरोपों के समर्थन में कोई हलफनामा देने में विफल रहते हैं, तो उन्हें माफी मांगनी होगी

 

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