‘पटक-पटककर मारेंगे’ वाले बयान पर MNS का आया जवाब, कहा – फैसला हम करेंगे, कोई दुबे, छुबे और पौबे…

भाषा विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का प्रदर्शन आज मंगलवार (8 जुलाई) को खत्म हो गया। पार्टी के नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि हमने अपनी ताकत दिखा दी है। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटककर मारेंगे’ वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।
शिवसेना यूबीटी नेता ने कही ये बात
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने कहा, “महाराष्ट्र और मराठी भाषा को लेकर किसी भी मराठी व्यक्ति के मन में कभी कोई संदेह नहीं रहा। अगर किसी को संदेह है, तो वह भाजपा है। निशिकांत दुबे के माध्यम से भाजपा ने अपने मन की बात सामने रखी है। अगर भाजपा में थोड़ी भी नैतिकता है, तो उन्हें निशिकांत दुबे को पार्टी से निकाल देना चाहिए… महाराष्ट्र ने उन्हें इतनी बड़ी जीत दी, और बदले में उन्हें क्या मिला?… मुंबई में रहने वाला हर व्यक्ति, चाहे उसकी भाषा कोई भी हो, पहले मराठी है… अगर निशिकांत दुबे जैसे लोग इस तरह के बयान देते हैं, तो इसका लोगों के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ेगा… हम मांग करते हैं कि निशिकांत दुबे को पार्टी से निकाला जाए…”
मराठी मानुष को राजनीतिक एजेंडे की जरुरत नहीं
MNS नेता ने कहा कि हमने प्रदर्शन बुलाया था। पुलिस प्रदर्शन को दबाने की कोशिश कर रही थी। सभी मराठी लोग इस दबाव के खिलाफ एक साथ आए। ये महाराष्ट्र है और आप मराठी लोगों को ही प्रदर्शन करने नहीं दे रहे हैं? ये तरीका नहीं है। मराठी मानुष बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के यहां इकट्ठा हुए हैं और अपनी ताकत को दिखाया है। यहां किसी राजनीतिक दल का झंडा नहीं है।
MNS के कई नेता हिरासत में
बता दें कि ठाणे जिले में मीरा भयंदर शहर में प्रस्तावित प्रदर्शन रैली से पहले पुलिस ने MNS के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। मीरा भयंदर में उस समय तनाव व्याप्त हो गया, जब पुलिस ने मराठी एकीकरण समिति द्वारा प्रस्तावित रैली में भाग लेने के लिए एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को घेर लिया।
CM देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि रैली के लिए अनुमति दी गई थी, जिसमें MNS नेताओं के भाग लेने की योजना थी लेकिन पार्टी ने एक खास मार्ग पर जोर दिया जिससे कानून व्यवस्था की चुनौतियां पैदा हो गईं। हालांकि, राज्य के मंत्री प्रताप सरनाईक ने पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया और कहा कि यह सरकारी निर्देशों के अनुरूप नहीं है।