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गणेश उत्सव में पंडालों से निकलने वाले शोर को लेकर कथावाचक जया किशोरी बोलीं- ‘DJ मुक्त पंडाल बनने चाहिए

Festival:इस वक्त देश में हर जगह गणेश उत्सव की धूम दिखाई पड़ रही है. जगह जगह पंडाल में एक से बढ़कर एक भगवान गणेश की प्रतिमा देखने को मिल रही है . हालांकि, इन पंडालों से DJ की तेज आवाज लोगों को परेशान भी कर रही है. इसको लेकर कई बार लोगों की शिकायतें भी सामने आती रहीं है. इसी सिलसिले में कथावाचक जया किशोरी का एक बयान सामने आया है जिसकी चर्चा इस वक्त हर तरफ हो रही है. दरअसल, पुणे में श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति की प्राण प्रतिष्ठा में बुधवार (27 अगस्त) को कथावाचक जया किशोरी शामिल हुईं. उन्होंने अपील की कि डीजे मुक्त पंडाल बनाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि शुरुआत में तो हम बड़े प्रेम से भगवान के भजन चलाते हैं, जब तक डीजे रहता है. उसके बाद मूर्ति रहती है और बाकी सब तरह के गाने चल रहे होते हैं. मुझे बहुत अजीब लगता है.

जया किशोरी कौन हैं?

जया किशोरी का जन्म 13 जुलाई 1995 को कोलकाता में हुआ था. उनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा और मां का नाम सोनिया शर्मा है. जया किशोरी की एक बहन भी हैं, जिनका नाम चेतना शर्मा है. जया किशोरी ने अपनी स्कूली शिक्षा कोलकाता में ही पूरी की और बाद में ओपन स्कूलिंग के माध्यम से बी.कॉम किया. जया किशोरी शुरू में डांसर बनना चाहती थीं. उन्होंने ‘बूगी वूगी’ रियलिटी शो में भी भाग लिया था, लेकिन, जीवन ने एक अलग मोड़ लिया. सात साल की उम्र में वह आध्यात्मक की तरफ मुड़ गईं. ‘श्रीमद भागवत गीता’ कथा और तीन दिन की कथा ‘कथा नानी बाई रो मायरो’ के जरिये प्रसिद्धि हासिल की और फिर एक प्रमुख कथावाचक के रूप में उभरीं.

 

मुख्यत: श्रीकृष्ण के भजन गाने वालीं जया किशोरी यूट्यूब पर खूब लोकप्रिय हैं. उनके लगभग 3.61 मिलियन सब्सक्राइबर हैं. उनके लोकप्रिय गीतों में ‘शिव स्तोत्र’, ‘मेरे कान्हा’, और ‘साजन मेरो गिरधारी’ शामिल हैं. जया किशोरी के फॉलोअर्स उन्हें अपनी पीढ़ी की “मीरा बाई” भी कहते हैं और उनके अनुयायी उन्हें प्यार से “किशोरी जी” कहते हैं. वह अक्सर पॉडकास्ट में आध्यात्मिकता, धर्म, जीवन-कोचिंग, और रिश्तों पर चर्चा करती हैं. उनके इंस्टाग्राम पर 12.3 मिलियन और फेसबुक पर 8.9 मिलियन फॉलोअर्स हैं. जया किशोरी को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें मार्च 2024 में सामाजिक परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय क्रिएटर्स अवार्ड शामिल है. यह पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है.

कितनी फीस लेती हैं जया किशोरी

जया किशोरी अपनी कथा के लिए 9,00,000 रुपये तक चार्ज करती हैं, जिसमें से 4,50,000 रुपये अग्रिम और शेष सत्र के बाद भुगतान किया जाता है. एक इंटरव्यू में, उन्होंने स्पष्ट किया, “यह सच है कि मैं शुल्क लेती हूं, लेकिन मैं अपनी टीम के कई लोगों को वेतन भी देती हूं. उनके भी परिवार हैं…’ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जया किशोरी की कुल संपत्ति का करीब 1.5 करोड़ रुपये से 2 करोड़ रुपये के बीच है. उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक वह अपनी फीस का आधा हिस्सा नारायण सेवा संस्थान को दान करती हैं, जो वंचित और दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए समर्पित एक संगठन है।

विवादों में फंसी थी जया

बता दें कि, जया किशोरी का विवादों से भी नाट रहा है. उनको को लेकर सोशल मीडिया पर तब विवाद खड़ा हो गया जब उन्हें डिओर के लग्जरी बैग के साथ देखा गया. डिओर की वेबसाइट के अनुसार यह बैग कॉटन और बछड़े की चमड़ी से बना है. एक सोशल मीडिया यूजर ने X पर लिखा, “आध्यात्मिक उपदेशक जया किशोरी ने अपना वीडियो हटा दिया, जिसमें वह ₹210000 का डिओर बैग कैरी कर रही थीं. वैसे, वह भौतिकवाद-विरोधी उपदेश देती हैं और खुद को भगवान कृष्ण की भक्त कहती हैं… उनके हाथ में जो बैग था उसे डिओर बछड़े की चमड़ी से बनाता है…”

 

विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि, उन्होंने कभी नहीं कहा किसी को ऐशों आराम से जिंदगी नहीं जीना चाहिए, आगे उन्होंने कहा था कि उन्होंने यह बैग विशेष ऑर्डर देकर बिना चमड़े का बनवाया था.

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