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खुद को फिर से दोहरा रहा है इतिहास! डॉलर के मुकाबले रुपया फिर अपने न्यूनतम स्तर पर, क्या आम आदमी पर पड़ेगा इसका असर ?

Indian Rupee All Time Low: भारतीय रुपया इस समय डॉलर के मुकाबले अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा बाजार (Forex Market) में शुक्रवार को रुपये की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई और यह जल्दी ही एक नए लो लेवल तक पहुंच गया. रुपये में आई यह गिरावट निवेशकों और आम लोगों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई है.

Indian Rupee All Time Low

 

क्यों गिर रहा है रुपया?

विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये में कमजोरी की मुख्य वजह डॉलर की मजबूती और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं. इसके अलावा विदेशी निवेशकों (FII) द्वारा लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालना भी रुपये पर दबाव बना रहा है.

आम लोगों पर असर (Indian Rupee All Time Low)

रुपये की गिरावट का सीधा असर आम लोगों की जेब पर भी पड़ता है. आयातित सामान, पेट्रोल-डीजल, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स महंगे हो सकते हैं. वहीं, विदेश यात्रा और विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों के खर्चे भी बढ़ जाएंगे.

डॉलर Vs रुपया (Indian Rupee All Time Low)

वर्ष 1 डॉलर = कितने रुपये स्थिति / कारण

1947 ₹4.76 आजादी के समय रुपये की वैल्यू मजबूत थी

1966 ₹7.50 रुपये का अवमूल्यन (Devaluation) किया गया

1985 ₹12.36 विदेशी कर्ज और आयात पर दबाव

1991 ₹17.90 आर्थिक संकट और लिबरलाइज़ेशन की शुरुआत

2000 ₹45.00 वैश्वीकरण और तेल आयात पर निर्भरता

2010 ₹46.50 डॉलर मज़बूत और आयात बिल बढ़ा

2013 ₹68.80 रुपया ऐतिहासिक गिरावट, विदेशी निवेश बाहर गया

2020 ₹74.00 कोरोना महामारी और आर्थिक मंदी

2022 ₹82.70 महंगाई और अमेरिकी डॉलर की मजबूती

2025* ₹87.50+ अनुमानित मौजूदा स्तर, वैश्विक

आर्थिक दबाव

सरकार और आरबीआई की भूमिका (Indian Rupee All Time Low)

वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये को स्थिर करने के लिए लगातार नजर बनाए हुए हैं. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रुपये की गिरावट जारी रही तो आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) का इस्तेमाल करके स्थिति को काबू में करने की कोशिश करेगा.

 

निवेशकों को क्या करना चाहिए? (Indian Rupee All Time Low)

बाजार विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसे समय में निवेशकों को घबराने की बजाय समझदारी से कदम उठाना चाहिए. लंबे समय के लिए किए गए निवेश पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. हालांकि, शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों को सावधानी बरतनी होगी.

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