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नन गिरफ्तारी मामला: केरल भाजपा अध्यक्ष ने पुलिस कार्रवाई को बताया गलत, कहा- गिरफ्तार ननों का धर्मांतरण से कोई लेना-देना नहीं

नन गिरफ्तारी मामला: केरल भाजपा अध्यक्ष ने पुलिस कार्रवाई को बताया गलत, कहा- गिरफ्तार ननों का धर्मांतरण से कोई लेना-देना नहीं

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में केरल की दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में हुई इस गिरफ्तारी पर अब भाजपा और बजरंग दल आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर जहां केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने वीडियो जारी कर छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया और गिरफ्तार ननों के समर्थन में बयान दिया, वहीं बजरंग दल ने इस रुख पर नाराजगी जाहिर करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

केरल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि पार्टी गिरफ्तार ननों को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी के प्रदेश महासचिव फिलहाल छत्तीसगढ़ में हैं और पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ एक संवेदनशील राज्य है, जहां बड़ी आदिवासी आबादी रहती है और धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है। बावजूद इसके, उन्हें पूरा विश्वास है कि गिरफ्तार ननों का धर्मांतरण से कोई लेना-देना नहीं है।

केरल के भाजपा के महामंत्री ने गृह मंत्री शर्मा से की मुलाकात

ननों की गिरफ्तारी को लेकर केरल के भाजपा महामंत्री अनूप एंटोनी मंगलवार को रायपुर पहुंचे। केरल के भाजपा महामंत्री अनूप एंटोनी ने गृह मंत्री विजय शर्मा के निवास पर उनसे मुलाकात कर बैठक की। अनूप एंटोनी के साथ बड़ी संख्या में केरल की मीडिया भी पहुंची थी।

बजरंग दल ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

इस बीच बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि मिश्रा ने कहा कि बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि मिश्रा ने दुर्ग मामले में लीपापोती करने की बड़ी आशंका जताई है। उन्होंने कहा है कि केरल के बीजेपी नेताओं और प्रदेश की सरकार यदि मिलकर इस मामले को दबाती है, तो आने वाले समय में बजरंग दल उग्र आंदोलन करेगा।

गौरतलब है कि सरकार बनने के बाद लगातार बजरंग दल अभियान चलाकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में धर्मांतरण की घटनाओं को उजागर करते हुए नजर आया है और सरकार ने हर मामले में कार्रवाई भी की है, लेकिन दुर्ग की घटना पर सरकार के रुख को लेकर बजरंग दल के इस बयान ने सरकार और हिंदू संगठन को आमने-सामने ला खड़ा किया है।

केरल से लेकर दिल्ली तक चढ़ा सियासी पारा

बता दें कि 25 जुलाई को केरल की ननों की गिरफ्तारी के बाद से केरल से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक तरफ जहां राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्विट किया है। राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा कि छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया – यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-आरएसएस का गुंडा राज है।

सांसदों ने किया संसद में प्रदर्शन

इस घटना की गूंज संसद में भी सुनाई दी। 28 जुलाई को संसद भवन के बाहर केरल की कांग्रेस नीत UDF के सांसदों ने इस कार्रवाई के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। AICC महासचिव वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कैथोलिक ननों की चौंकाने वाली गिरफ्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ आज यूडीएफ सांसदों ने संसद के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

इंडिया गठबंधन के सांसदों ने जेल में बंद ननों से की मुलाकात

बता दें कि आज इंडिया गठबंधन के सांसद बेनी बहनन, फ्रांसिस जॉर्ज , एनके प्रेमचंदन, अनिल ए थॉमस के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रभारी कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उल्का और जरीता लैतफ़लांग ने दुर्ग पहुंचकर जेल में बंद ननों से मुलाकात की। इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, दुर्ग शहर के पूर्व विधायक अरूण वोरा भी मौजूद थे। सांसदों के डेलिगेशन ने ननों से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की।

मीडिया से चर्चा करते हुए सांसदों ने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। वहीं आगे कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए रणनीति तैयार करने की बात कही। इस दौरान सांसद बेनी बहनन, फ्रांसिस जॉर्ज , एनके प्रेमचंदन, अनिल ए थॉमस के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रभारी कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उल्का और जरीता लैतफ़लांग दुर्ग जेल पहुंचे थे। मुलाकात के बाद रिपोर्ट तैयार कर सांसद कांग्रेस आलाकमान को सौंपेंगे। इसके अलावा इंडिया गठबंधन कल इस मुद्दे पर संसद में आवाज उठाएगी।

जानिए पूरा मामला

बता दें कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए दो ननों और एक युवक को रोका था। आरोप था कि तीनों, नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर नारेबाजी करते हुए सभी को GRP के हवाले कर दिया था। GRP थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी में मामले की जांच के बाद धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।

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