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CP राधाकृष्णन होंगे NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, पीएम मोदी की मौजूदगी में हुआ फैसला ; अभी हैं महाराष्ट्र के गवर्नर

Who Is CP Radhakrishnan:: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। रविवार को हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी। नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया।

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेता मौजूद थे। राधाकृष्णन 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान NDA शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर को वोटिंग होगी। उसी दिन काउंटिंग भी होगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। 25 अगस्त तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकती है।

 

दरअसल, जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।

कौन हैं NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन?

बता दें कि, सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है. उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को हुआ था. राधाकृष्णन 31 जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के 24वें और वर्तमान राज्यपाल के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल और मार्च 2024 से जुलाई 2024 के बीच तेलंगाना के राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) और पुडुचेरी के उपराज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) के तौर पर भी काम किया है. राधाकृष्णन भाजपा के मेंबर थे और कोयंबटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. वह तमिलनाडु के लिए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी थे.

उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। इसमें राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य शामिल नहीं होते, जो राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेते हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल हस्तांतरणीय मत के आधार पर होता है। मतदान गुप्त होता है और संसद भवन में आयोजित किया जाता है। निर्वाचित उपराष्ट्रपति को भारत के राष्ट्रपति द्वारा शपथ दिलाई जाती है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, और वह राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य करता है।

 

 

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