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Chhattisgarh | पूर्व वन मंत्री ने किया खुलासा – आत्महत्या करने वाले शिक्षक ने थाने में खुद दिया था लिखित आवेदन, इसमें मेरा कहीं नाम नहीं

Chhattisgarh | Former Forest Minister revealed – The teacher who committed suicide had himself given a written application in the police station, my name was not there in it.

रायपुर। पूर्वमंत्री मोहम्मद अकबर ने खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साजिश बताया है। उन्होंने कहा है कि नौकरी लगाने के नाम पर पैसा लेने के आरोपी शिक्षक की आत्महत्या मामले में मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उन (अकबर) पर एफआईआर दर्ज करना साजिश है। उन्होंने इस संबंध में दस्तावेज जारी कर मामले का खुलासा किया है जिसके अनुसार 14 अगस्त को शिक्षक देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने थाना प्रभारी डौंडी को आवेदन दिया था जिसमें लोगों से पैसा लेना कुबूल करते हुए उनके (कुमेटी के ) साथ शामिल लोगों के नाम बताये गए हैं। मोहम्मद अकबर ने बताया कि कुमेटी के द्वारा दिया गया आवेदन को सरकार छिपा रही है।

एक बयान में पूर्व वनमंत्री ने कहा है कि 6 लोगों धरम देव संतोष कुमार, कु. डिंपल पिता चंदन सिंह, नंदु निषाद पिता छिकलूराम, लक्ष्मी कुवाची पति मुनेश कुमार, मनोहर लाल पिता पुनाराम, योगेश कुमार केवल सिंह, ने थाना प्रभारी डौंडी को एक आवेदन देकर शिकायत की थी कि शिक्षक देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने उन लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर 9 जुलाई 2022 को पैसा लिया है। नौकरी के पूर्व साक्षात्कार के नाम पर उन लोगों को होटल नटराज रायपुर में बुलाया गया था। यहां पर फिजिकल जांच के समय हरेन्द्र नेताम एवं मदार खान उपस्थित रहे।

इसके बाद देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने दिनांक 14.08.2024 को थाना प्रभारी डौंडी को एक आवेदन देकर बताया है कि उसने नौकरी लगाने के नाम पर ली गई राशि को गरियाबंद निवासी मदार खान उर्फ सलीम खान को दिया है। साथ ही उसने याने देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने लोगों से ली गई राशि वापस नहीं मिलने पर खुद यानि देवेन्द्र कुमार कुमेटी तथा हरेन्द्र कुमार नेताम एवं सलीम खान पर कार्रवाई किये जाने की मांग भी आवेदन में की।

मृतक ने थाना में दिए आवेदन में पैसा लेने वालों के बताए थे नाम

इसके पश्चात देवेन्द्र कुमार कुमेटी के आत्महत्या पश्चात मृतक के द्वारा लिखे गए कथित पत्र के आधार पर अपने खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज किए जाने पर पूर्व वन मंत्री ने सवाल उठाया है। मोहम्मद अकबर ने कहा है कि जिन 6 लोगों ने नौकरी लगाने के नाम पर राशि लिए जाने की शिकायत थाना प्रभारी डौंडी को लिखित में की थी उस शिकायत में उनका (अकबर) का नाम नहीं है। 14 अगस्त को जो आवेदन शिक्षक देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने खुद थाना प्रभारी डौंडी को दिया है उसमें पैसा लेने का जिम्मेदार खुद (देवेन्द्र कुमार कुमेटी), हरेन्द्र कुमार नेता और सलीम खान को बताया है। अचानक पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में उनका (अकबर का) नाम कहां से ला दिया। जिस पत्र को आत्म हत्या करने वाले देवेन्द्र कुमार कुमेटी का लिखा पत्र बताया जा रहा है उस पत्र की जांच तक नहीं की गई। इससे साफ-साफ साजिश दिख रही है।

मेरी कोई बहन ही नहीं तो भांजा कहां से आ गया

पूर्व वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने साजिश का खुलासा करते हुए कहा है कि मदार खान उर्फ सलीम खान को उनका भांजा बताया जा रहा है जबकि उनका कोई भांजा ही नहीं है। अकबर ने कहा कि उनकी कोई बहन ही नहीं है तो भांजा कहां से आ गया। ये बताता है कि साजिश की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की गई है।

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