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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 46 उम्मीदवारों ने दाखिल किए 68 नामांकन, बड़ी संख्या में किए गए खारिज फर्जी ; साइन का भी सामने आया मामला

नई दिल्ली:देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद इस पद के लिए सितंबर में होने वाले चुनाव की तस्वीर अब पूरी तरह से साफ हो गई है। इस चुनाव के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपना-अपना उम्मीदवार उतारा है. इसके अलावा कुल मिलाकर 68 अन्य नामांकन दाखिल हुए थे. हालांकि इनमें से केवल दो ही नामांकन सही पाए गए हैं. इन्हीं नामांकन की छानबीन के दौरान फर्जी दस्तखत का मामला सामने आया है.

कई लोग इसे दक्षिण बनाम दक्षिण की लड़ाई बता रहे हैं, क्योंकि दोनों ही दक्षिण भारत से आते हैं। निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बताया है कि दोनों उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों के सभी चार सेट सही पाए गए हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से भाजपा के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, जबकि तेलंगाना से आने वाले रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं।

क्यों  अस्वीकृत किए गए आवेदन?

7 से 21 अगस्त 2025 की अवधि के दौरान उपराष्ट्रपती निर्वाचन 2025 के लिए निर्वाचन अधिकारी और राज्य सभा के महासचिव को 46 अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल कुल 68 नामनिर्देशन पत्र प्राप्त हुए। इन 68 नामनिर्देशन पत्रों में से 19 अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल किए गए 28 नामनिर्देशन पत्रों को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति निर्वाचन अधिनियम, 1952 की धारा 5 ख(4) के अनुसार अस्वीकृत कर दिया गया था। 27 अभ्यर्थियों के 40 नाम निर्देशन पत्रों की 22 अगस्त, 2025 को मध्याह्न पूर्व 11 बजे संवीक्षा की गई। संवीक्षा के दौरान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति निर्वाचन अधिनियम, 1952 की धारा 5 ख(1)(ख) या 5 ख(1)(ख) और 5ग के उपबंधों के अधीन नामनिर्देशन पत्रों को अस्वीकृत कर दिया गया। निम्नलिखित अभ्यर्थियों के नामनिर्देशन पत्र वैध पाए गए, अतः स्वीकृत किए गए है। इनमें सी.पी. राधाकृष्णन (नामनिर्देशन पत्र क्रम संख्या 26, 27, 28 और 29) ओर बुचिरेड्डी सुदर्शन रेड्डी (नामनिर्देशन पत्र क्रम संख्या 41, 42, 43 और 44) है।

नामांकन को लेकर फर्जी साइन का मामला सामने आया

गौरतलब है कि, केरल के Joemon जोसेफ के नामांकन को लेकर फर्जी साइन का मामला सामने आया है. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 21 अगस्त नामांकन की अंतिम तिथि थी. इस दिन तक 46 उम्मीदवारों ने 68 नामांकन पत्र दाखिल किए थे. 19 उम्मीदवारों के 28 नामांकन तो शुरू में खारिज कर दिए गए थे. बाकी 27 उम्मीदवारों के 40 नामांकन की 22 अगस्त को छानबीन हुई.

नामांकन में कर लिए सांसदों के फर्जी साइन

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दाखिल किए नामांकन पत्रों में से केवल दो नामांकन ही वैध पाए गए. इनमें सी पी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी थे. दोनों के लिए चार-चार नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे. लेकिन इनमें से जैकब जोसेफ के नामांकन को लेकर विवाद हो रहा है. जैकब जोसेफ के नामांकन में 22 प्रस्तावक और 22 ही समर्थक हैं. इनमें लोक सभा और राज्य सभा के सांसदों के नाम और हस्ताक्षर दिए गए हैं.

 

हालांकि इस नामांकन को खारिज कर दिया गया. पता चला है कि इन सांसदों को जानकारी दिए बिना उनका नाम लिख कर दस्तखत कर दिए गए थे. कई सांसदों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने Joemon जोसेफ के नामांकन पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. दिलचस्प बात है कि इनमें वाईएसआरसीपी के मिधुन रेड्डी एक ऐसे सांसद के दस्तखत भी दिखाए गए जो अभी जेल में बंद है.

कब होना है चुनाव?

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद पर चुनाव कराने का ऐलान किया था. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी, जबकि 25 अगस्त तक नाम वापस लिए जा सकते हैं.

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